Tuesday, February 24, 2009

mahashivratri



हर हर महादेव
२३ फरवरी महाशिवरात्रि, काशी

आप को अत्यन्त हर्ष के साथ सूचित करना चाहता हूँ कि कल शिवरात्रि के दिन प्रशासन ने शिव भक्तों को काशी विश्वनाथ मन्दिर में ज्ञानवापी मन्दिर (अब मस्जिद)के पीछे से प्रवेश दिया जहाँ से ढांचे के पीछे मन्दिर का स्वरुप और बनावट पुरी तरह से दिख रहा था (परदा लगा था फ़िर भी ).
भक्तों के बीच गरमा गरम बहस हुई व् भक्तों ने नारा लगाया की "बोलबम का नारा है बगल वाला(ज्ञानवापी) भी हमारा है " और इसे प्रशासन का भी मूक समर्थन रहा.
हर हर महादेव

Wednesday, February 11, 2009

पथ संचलन

















३१ जनवरी २००९ शाम ५ बजे
महामना के सपनों को साकार करने के लिए समर्थ भारत और समर्थ हिंदू के निर्माण के लिए हजारों ने कदम से कदम मिला कर महामना को श्रद्धा सुमन अर्पित किया और कशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्थापना स्थल पर जाकर माँ सरस्वती को नमन किया

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Monday, February 2, 2009

NADAN लोग ADHURI JANKARI

मैंने २९ जनवरी के हिंदुस्तान पेपर में सौरभ बाजपाई द्वारा लिखा लेख गाँधी : राजनितिक दर्शन का मोहरा था गोडसे पढ़ा लेखक ने सात बड़े व् ऐतिहासिक मामलों पर अपनी नई और अनुभवहीन कलम चलायी है सभी मामले एकदम अनछुए से बस छेड़ कर छोड़ दिए गए हैं जो लेखक के भीतर की जल्दी बजी को दिखाते है ये हैं ---
१ साम्प्रदायिकता
२ बिभाजन
३ गाँधी जी की हत्या
४ नाथूराम गोडसे
५ बी डी सावरकर
६ R S S
७ गोलवलकर
अगर कोई भी लेखक इन में से किसी भी एक टोपिक को लिखने के पहले दस बार सोचेगा और बिना किसी तथ्य के नही लिखेगा लेकिन लेखक ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जल्दीबाजी में अपनी नादानी को उजागर किया है इस्वर इन्हें सदबुध्धि दें।